आनन्‍द

विश्‍व में हमारा आनन्‍द इस बात पर निर्भर है कि हम औरों के  हृदय  में कितना प्रेम संचारित कर सकते हैं।  --डचैस डि प्रैसलियर 

1 comment:

  1. आनंद और प्रेम का संचार जब तक खुद हमारे ह्रदय में ही नहीं होगा तब तक ओरों के ह्रदय में कैसे संचार कर पायेंगें.

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